सोमवार, 26 नवंबर 2012

पोंटी की कार से मिला पांचवा फिंगर प्रिंट कहीं आईएएस का तो नहीं!


पोंटी की कार से मिला पांचवा फिंगर प्रिंट  कहीं आईएएस का तो नहीं!
सरकार करे आईएएस की जांच: हरीश रावत
राजेन्द्र जोशी
देहरादून, 25 नवम्बर। उत्तराखण्ड के आईएएस का पोंटी चढ्ढा हत्याकाण्ड से संबंध हो न हो, लेकिन केंद्रीय मंत्री हरीश रावत का  कहना है कि सरकार को इस मामले की जांच करनी चाहिए कि आखिर आईएएस का नाम क्यों आ रहा है, वहीं दूसरी ओर सूत्रों ने जानकारी दी है कि दिल्ली क्राईम ब्रंाच द्वारा इस बात की तस्दीक हो चुकी है कि पोंटी चढ्ढा के साथ सुखदेव सिंह नामधारी व उनका गनर और ड्राईवर साथ थे। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्राईम ब्रांच को पोंटी चढ्ढा की गाड़ी से चार लोगों के फिंगर प्रिंट के निशानों का मिलान तो किया जा चुका है और क्राईम ब्रांच इस खोज में लगी है कि आखिर पोंटी चढ्ढा के साथ वह पांचवा व्यक्ति कौन था, जिसकी उंगलियों के निशाने पोंटी चढ्ढा की गाड़ी से क्राईम ब्रांच को मिले हैं। इतना ही नहीं जानकारी तो यहां तक मिली है कि राज्य का चर्चित आईएएस उस दिन दिल्ली में था और दोपहर में उसके ओपन यूनिवर्सिटि के वीसी के चयन को लेकर बैठक बुलाई थी, लेकिन सभी अधिकारियों के बैठक में आने के बावजूद राज्य का यह चर्चित आईएएस उस बैठक में नहीं पहुंचा था। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि जिस समय पोंटी चढ्ढा और उसके भाई हरदीप चढ्ढा की हत्या हुई ठीक इसी समय अंतराल पर बैठक का समय निर्धारित किया गया था और चर्चित आईएएस ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि वह बैठक कर लें और बैठक के मिनट्स पर वह हस्ताक्षर कर देगा। सबसे बड़ा सवाल यह उठ खड़ा हो रहा है कि चर्चित आईएएस बैठक बुलाने के बावजूद बैठक में क्यों नहीं गया और जिस समय पर अधिकारियों द्वारा बैठक की जा रही थी, उस समय वह अधिकारी कहां था। सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि उक्त घटना के समय यह चर्चित आईएएस पोंटी चढ्ढा और सुखदेव सिंह नामधारी के साथ उनकी कार में मौजूद था। इतना ही नहीं सूत्रों ने तो यहां तक जानकारी दी है कि घटना के बाद यह चर्चित आईएएस हवाई जहाज से सीधा देहरादून आ गया और देहरादून में आईएएस बनाम आईपीएस के क्रिकेट मैच में शामिल हो गया।
    वहीं इस मामले पर आज जब केंद्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत ने यह पूछा गया कि पोंटी चढ्ढा हत्याकाण्ड में प्रदेश के एक चर्चित आईएएस का नाम सामने आ रहा है, तो उन्होंने साफ कहा कि सरकार को जांच करनी चाहिए कि उस दिन कौन आईएएस दिल्ली में था और आखिर वह कौन आईएएस के जिसकी तरफ उंगलियां उठ रही है।

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