गुरुवार, 28 मार्च 2013

कांग्रेस में किसी बड़े परिवर्तन की संभावना!

कांग्रेस में किसी बड़े परिवर्तन की संभावना!
राजेन्द्र जोशी
देहरादून  । राहुल गांधी के दौरे के बाद प्रदेश की राजनीति में परिवर्तन की उम्मीदें जगने लगी थी। क्योंकि कार्यकर्ताओं से फीडबैक के बाद राहुल गांधी को यह कहना पड़ा था कि राज्य में कोई बड़ा परिवर्तन हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बहुत जल्द प्रदेश में कांग्रेस संगठन का नेतृत्व जहंा सतपाल महाराज के हाथ आने की उम्मीद बतायी जा रही है वहीं प्रदेश में सत्ता नेतृत्व में भी परिवर्तन के आसार नजर आने लगे हैं। इतना ही नहीं जानकारी के अनुसार कांग्रेस में सत्ता, संगठन और सरकार में आमूल चूल परिवर्तन की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
     राज्य के अस्तित्व में आने के दिन से लेकर आज तक प्रदेश में राजनैतिक अस्थिरता व्याप्त रही है, प्रदेश में चाहे भाजपा की सरकार सत्तासीन रही हो अथवा कांग्रेस की दोनों ही दल प्रदेश को स्थायी नेतृत्व देने में नाकामयाब ही रहे हैं। कहने को तिवारी सरकार ने ही पूरे पांच साल तक सत्ता तो चलाई लेकिन उनकी भी पूरे पांच साल तक टांग ख्ंिाचाई रही अन्तः उन्होने चुनाव की घोषणा के बाद अपने के मुख्यमंत्री आवास के भीतर ही रखा और चुनाव प्रचार में भाग नहीं लिया। राजनैतिक दिग्गज बताते हैं कि यदि तिवारी बाहर निकल चुनाव में थोड़ा भी समय देते तो 2007 में प्रदेश में भाजपा की जगह एक बार फिर कांग्रेस की सरकार होगी। कमोवेश इस बार भी ऐसा ही हो रहा है कांग्रेस के नेता हरीश रावत के काफी मेहनत-मशक्कत के बाद प्रदेश में कांग्रेय की सरकार बन तो गयी लेकिन कांग्रेस ने सत्ता विजय बहुगुणा के हाथों सौंप दी। बस तब से ही सत्ता संघर्ष जारी है।
होली के माहौल के बीच कांग्रेस संगठन और सत्ता में फेरबदल की खबरें सोमवार को चर्चाओं के केन्द्र में रही। जहां एक ओर दिल्ली कांग्रेस आलाकमान द्वारा नये प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा को लेकर कांग्रेसी नेताओं को आपस में चर्चा करते हुए देखा गया वहीं निगम चुनावों को लेकर होने वाले आरक्षण का मुद्दा भी चर्चाओं के केन्द्र में है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य को बदले जाने की कवायद लंबे समय से जारी है लेकिन बीते दिनों उनके विरोधी खेमे द्वारा कांग्रेस संगठन का कामकाज ठीक न चलने और एक व्यक्ति एक पद को आधार बनाकर उन्हें इस पद से हटाये जाने की मांग की जा रही है। यह मुद्दा अब तक टिहरी लोकसभा उपचुनाव के कारण लटका रहा था और अब वर्तमान समय में होने वाले निकाय और पंचायत चुनावों के मद्देनजर इससे टाले जाने की खबरें थी लेकिन दिल्ली के सूत्रों के अनुसार अब इससे और अधिक समय तक नहीं टाला जायेगा और संभावत जल्द ही नये प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की जा सकती है। हालांकि अभी कुछ कांग्रेसी नेताओं का यह भी कहना है कि अब जो कुछ होगा वह होली के बाद ही होगा। प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य वर्तमान में राज्य कैबिनेट में मंत्री भी है उन्हें मंत्री बनाए जाने के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की बागडोर युवा हाथों में सौंपने की मांग की जा रही थी साथ ही कैबिनेट मंत्री होने की वजह से संगठन का कामकाज ठीक से न चला पाने का आरोप लगाया जा रहा था। कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद की पंरपरा का भी तर्क कुछ कांग्रेसियों द्वारा दिया जा रहा है राहुल गांधी के दून दौरे में भी नये अध्यक्ष की घोषणा का मुद्दा चर्चाओं में था।
   यहां यह भी उल्लेखनीय है कि नये प्रदेश अध्यक्ष के लिए अब तक कई नाम सामने आ चुके है जिनमें संासद प्रदीप टम्टा से लेकर सांसद सतपाल महाराज के नाम शामिल है। वर्तमान समय में यह भी चर्चा आम है कि इस दौड़ में सतपाल महाराज सबसे आगे है और हरीश रावत भी उनके नाम पर सहमति जता चुके है। उधर निगम के मेयर पद को लेकर भी दिग्गज नेताओं की लंबी कतार है। हालांकि निर्वाचन आयोग द्वारा परिसीमन और आरक्षण के बारे में अभी निर्णय लिया जाना है लेकिन चर्चा है कि देहरादून निगम में मेयर का पद दलित महिला अथवा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया जा रहा है। इस खबर के बाद कई कांग्रेसी दिग्गज नेताओं के सपने तार-तार हो सकते हैं। कई स्तर पर कांग्रेस में फेरबदल की तैयारियां जारी है और इस फेरबदल के बीच कांग्रेसियों के बीच चर्चाएं जोरों पर है। सत्ता से लेकर संगठन तक में होने वाले इस फेरबदल को लेकर कांग्रेस में खासी हलचल दिखाई दे रही है।

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