सोमवार, 27 मई 2013

स्थाई राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेसी दिग्गजों ने अपनी ही सरकार को घेरा!

स्थाई राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेसी दिग्गजों ने अपनी ही सरकार को घेरा!

राजेन्द्र जोशी
देहरादून । सरकार के नेताओं द्वारा ही जिस तरह से स्थायी राजधानी के मुद्दे अपनी सरकार की घेराबंदी की जा रही है, उससे यह साफ हो गया है कि कांग्रेस के नेताओं में न तो एकजुटता है और स्थाई राजधानी के मुद्दे पर एकमतता, तभी तो सभी नेता अपना-अपना राग अलाप रहे हैं।
वहीं विपक्ष को भी सत्तापक्ष के नेताओं द्वारा दिए जा रहे इस तरह के बयानों से सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।
राज्य को अस्तित्व में आए 12 साल से भी अधिक का समय बीत चुका है, लेकिल आज तक राज्य में बनी सरकारों ने स्थाई राजधानी के मुद्दे का नहीं सुलझाया, यह अपने आप में एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है, वहीं सूबे के नेता स्थाई राजधानी के मुद्दे को सुलझाने के बजाए अब उस पर अपनी राजनीति चमका रहे हैं। सत्ता संभालने के कुछ समय बाद ही मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने गैरसैंण में एक विधानसभा सत्र चलाकर और विधानसभा भवन बनाने और यहां हर वर्ष एक सत्र चलाने की घोषणा करके इस मुद्दे को और उछाल दिया, जिसका सभी दलों ने स्वागत किया। वहीं वर्तमान में गैरसैंण मे विधानसभा निर्माण का कार्य प्रगति पर है, जिसके बाद अचानक से ही इस मुद्दे पर वहीं बहुगुणा सरकार ने दूसरा राजनीतिक दांव चलते हुए रायपुर में भी विधानसभा और सचिवालय निर्माण के लिए भूमि का चिन्हित कर डाली, जिसके बाद खुद कांग्रेस के ही नेताओं द्वारा सरकार के इस कदम पर सवाल खड़े कर दिए गए हैं, एक ओर संासद प्रदीप टम्टा का कहना है कि सरकार पहले स्थायी राजधनी पर फैसला तो कर ले, क्या सरकार सूबे की दो राजधानी बनायेंगी और हर जनपद में एक विधानसभा भवन, वहीं केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत का कहना है कि राजधानी कहीं भी बने लेकिन जनता में भ्रम की जो स्थिति बनी है वह समाप्त की जाएग। इधर विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल का कहना है कि सरकार को गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करना चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री डा. इंदिरा हृदयेश पाठक का कहना है कि रायपुर में विधानसभा भवन का कार्य एक दो महीनें में शुरू हो जायेगा, जिस पर टिप्पणी करते हुए सांसद सतपाल महाराज का कहना है कि राजधानी कहीं भी बने सरकार गैरसैंण में विधानसभा का एक सत्र चलाने की घोषणा कर चुकी है इसका मतलब है कि सूबे की दो राजधानियां
बनायी जाए एक गैरसैंण और दूसरी देहरादून।
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के यह अलग-अलग बयानों से सब हैरान हैं, जिसके बाद स्थाई राजधानी का मुद्दा और भी गरमा गया है। जब सत्तापक्ष के नेता इस मुद्दे पर अलग-अलग बयानबाजी कर रहे है तो, ऐसे में विपक्षी भाजपा ने भी सरकार पर हमला बोल दिया है। नेता विपक्ष का कहना है कि सरकार कहीं भी विधानसभा भवन बनवाये लेकिन वह पहले यह बताए कि सूबे की स्थायी राजधानी कहां होगी।

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