गुरुवार, 11 जुलाई 2013

बढती जा रही है उत्तराखंड में लापता लोगों की संख्या

बढती जा रही है उत्तराखंड में लापता लोगों की संख्या
देहरादून। उत्तराखंड में प्रकृति का कहर जारी है। पिछले तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और राहत पहुंचाने का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारी बारिश की वजह से सोमवार को एक कमान ढह गया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। प्राकृतिक आपदा के तीन हफ्ते गुजर जाने के बाद लापता लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा था कि तीन हजार लोग लापता हैं। लेकिन अब लापता लोगों की संख्या बढ़ कर 47 सौ पहुंच गई है। खुद मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने बताया है कि लापता लोगों की संख्या बढ़ कर 47 सौ तक पहुंच गई है।
अधिकारियों ने बताया कि देहरादून के विकास नगर इलाके में एक घर के गिर जाने से दो महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पहाड़ों से गिरे मलबे के भार से घर की छत गिर गई, जिससे तीनों की वहीं मौत हो गई। इस बीच चमोली के जिला मजिस्ट्रेट एसए मुरूगेसन ने बताया कि जिले की उरगाम घाटी में भारी बारिश के कारण करीब आठ मकान क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि उन घरों में रह रहे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
उत्तरकाशी में भागीरथी नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे तिलोथ और जोशीयारा गांवों के डूबने का खतरा है। अधिकारियों ने बताया कि नदी के किनारे बने मकानों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि और राज्यों से जानकारी मिलने के बाद आपदा में लापता लोगों की संख्या बढ़ कर 47 सौ से अधिक हो गयी है। उन्होंने कहा कि इनमें से साढ़े सात सौ लोग उत्तराखंड के हैं।
खराब मौसम के कारण वायुसेना के सी-130 हरक्यूलिस परिवहन विमान से भी अपेक्षित मदद नहीं मिल पा रही है। राहत कार्यों में लगे हेलीकॉप्टर प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए खराब मौसम की वजह से उड़ान नहीं भर सके, जिसके बाद भारतीय वायुसेना के सी-130 हरक्यूलिस विमान को यह जिम्मा सौंपा गया। पर खराब मौसम के चलते वह भी इस उद्देश्य में नाकाम रहा। उत्तराखंड में राहत अभियान के प्रभारी एनडीएमए सदस्य वीके दुग्गल ने बताया कि हरक्यूलिस विमान प्रभावित इलाकों के उपर एक चक्कर लगा कर देहरादून लौट आया और बादल छाए होने तथा कम दृश्यता की वजह से उसने राहत सामग्री नहीं गिराई। इस विमान को प्राकृतिक आपदा से सर्वाधिक प्रभावित केदारनाथ सहित उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ और रूद्रप्रयाग जिलों में राहत सामग्री गिरानी है।
केदारनाथ इलाके में 70 से अधिक विशेषज्ञ और प्रशिक्षित कर्मियों का एक दल खराब मौसम में भी शवों का अंतिम संस्कार कर रहा है। बताया जाता है कि ये लोग भी खाद्य सामग्री की कमी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विमान में केदारनाथ और दूसरे प्रभावित इलाकों के लिए खाद्य सामग्री, दवाएं और दूसरा सामान लादा गया था लेकिन अब तक वह सामग्री नहीं गिरा पाया है। बहुगुणा ने कहा कि लापता लोगों के 15 जुलाई तक नहीं मिलने पर उन्हें मृत मान लिया जाएगा और उसके बाद उनके परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने पहले कहा था कि लापता लोगों की संख्या 3,068 है।

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