शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

इंतजार, इंतजार और इंतजार

                                                    इंतजार, इंतजार और इंतजार


राजेन्द्र जोशी
देहरादून। आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की किसमत में शायद इंतजार ही लिखा है, महाप्रलय के बाद बिछड़े अपनों का इंतजार कर रहे हैं, तो अपने बिछड़ों का। कोई मृतकों की सूची का इंतजार कर रहा है, तो कोई हादसे में घायल लोगों के ठीक होने का इंतजार। महाप्रलय के बाद इनका इंतजार कब खत्म होगा, उसका भी वे इंतजार ही कर रहे हैं।
    गौरतलब हो कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोग आपदा के बाद राहत का इंतजार करते-करते थक चुके हैं। उनके पास दो जून की रोटी का भी जुगाड़ नहीं रह गया है। जिन खेतों से उनकी दिनचर्या चलती थी, वे पानी के साथ बह गए हैं। बस उन्हें इंतजार है तो सरकारी इमदाद का। तीर्थयात्री जो अपने को खो चुके हैं, उनको इंतजार है सरकार के द्वारा मृतक सूची में अपनों का नाम शामिल होने का। आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोग, आपदा में घायल हुए लोग अपने ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं, तो कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने अपनों को खो दिया है, वे अपनों के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। देश के श्रद्धालु केदारनाथ में पूजा का इंतजार कर रहे हैं, तो संत केदारनाथपुरी के सफाई का इंतजार। रावल भीमाशंकर लिंग मंदिर के शुद्धिकरण का इंतजार कर रहे हैं, तो मंदिर के पुजारी भगवान केदार के एक बार फिर पुर्नस्थापन का इंतजार कर रहे हैं। कुल मिलाकर केदारपुरी को अपने श्रद्धालुओं का इंतजार है और श्रद्धालुओं को केदारपुरी तक पहुंचने का। महाप्रलय के बाद जिन गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क कट गया, उनको आपदा राहत का इंतजार तो है, साथ ही उन सड़कों और पगडंडियों के ठीक होने का भी इंतजार है। प्रदेश सरकार वर्षा के रूकने का इंतजार कर रही है, तो आपदा राहत कार्याें में लगी टीम केदारनाथ तक पहुंचने के लिए हैलीकाप्टर का इंतजार। आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लोग उस अधिसूचना का भी इंतजार कर रहे हैं, जिसमें आपदा प्रभावित क्षेत्र चिन्हित हों, इतना ही नहीं केदारघाटी में निरीक्षण को जाने वाली आर्केलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया (ए.एस.आई.) की टीम भी चार दिन इंतजार करके वापस दिल्ली लौट गई। मौसम के ठीक होने का इंतजार सरकार भी कर रही है, सरकार इंतजार कर रही है नदियों में पानी के कम होने का। आपदा राहत शिविरों में रह रहे लोग इंतजार कर रहे हैं अपनो घरों में पहुंचने का, तो बीते 38 दिनों से मार्ग खुलने का इंतजार कर रही है क्षेत्र की जनता। कुल मिलाकर उत्तराखण्ड इंतजार के दिन गिन रहा है, वह इंतजार कब खत्म होगा इसी आस में उस समय का भी इंतजार कर रहे हैं लोग।

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