मंगलवार, 9 जुलाई 2013

युवराज को ढूंढ रही जनता

युवराज को ढूंढ रही जनता
राजेन्द्र जोशी
देहरादून : सितारगंज विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री का पूरा कुनबा मुख्यमंत्री को और टिहरी लोकसभा उपचुनाव में प्रदेश के स्वघोषित युवराज को जिताने के लिए दिन-रात एक किए हुए थे, लेकिन उत्तराखण्ड में आई इस आपदा के समय न तो मुख्यमंत्री का कुनबा कहीं दिखाई दिया और तो और आपदा के इस समय में न ही युवराज के कहीं दर्शन ही हुए। यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कही है।
    गौरतलब हो कि उत्तराखण्ड पर आपदा के 16 दिन बीत चुके हैं, लेकिन युवराज और टिहरी से लोकसभा उपचुनाव हार चुके साकेत बहुगुणा आखिर हैं कहां, किसी को नहीं पता। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी उत्तराखण्ड में आंधी की तरह आए और तूफान की तरह चले गए, लेकिन वे राज्य में अपने पैरों के छाप जरूर छोड़ गए, लेकिन युवराज और मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का सबसे ज्यादा आपदाग्रस्त क्षेत्र में कहीं अता-पता नहीं है। वहीं क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि वे केवल चुनाव के मौके पर ही दिखाई दिए थे, उसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि क्या ही अच्छा होता जिस तरह से बहुगुणा परिवार सितारगंज विधानसभा उपचुनाव और टिहरी लोकसभा उपचुनाव में पूरे कुनबे के साथ लगे थे, आपदा की इस घड़ी में यदि वे इसी कुनबे के साथ आपदा प्रभावित लोगों की मदद करते तो लोगों में उनका प्रभाव तो बढ़ता ही साथ ही अपनापन भी, लेकिन केवल चुनाव के लिए उत्तराखण्ड की जमीन को उपजाऊ मानने वाले कांग्रेसी नेता इस प्रदेश की जमीं को राजनैतिक लाभ के लिए प्रयोग करते रहे हैं। वहीं भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रकाश पंत ने भी कहा कि सुषमा स्वराज को राज्य का दौरा न करने पर कांग्रेस उन्हें विवाद में खींच रही है, जबकि कांग्रेस के नेताओं ने ही बड़े नेताओं को वह भी केवल भाजपा के नेताओं को उत्तराखण्ड आने पर प्रतिबंधित कर दिया था। ऐसे में सुषमा स्वराज और अरूण जेटली ने प्रदेश सरकार की ही बात मानते हुए यहां का दौरा रद्द किया।
    भाजपा नेताओं के अनुसार यह युवराज लंदन के बाद साउथ अफ्रीका चले गए हैं। एक जानकारी के अनुसार वे वहां खनन व्यवसाय में निवेश करेंगे, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 1400 करोड़ रूपया भारतीय मुद्रा में बताई जाती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस व्यवसाय में उत्तराखण्ड सरकार के बहुचर्चित प्रमुख सचिव एवं उनकी लाईजनिंग टीम भी सक्रिय है, लाईजनिंग टीम के कुछ सदस्य अभी भी साउथ अफ्रीका में ही डेरा डाले हुए हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि साउथ अफ्रीका में पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले का एक व्यवसायी इनकी मदद कर रहा है। एक जानकारी के अनुसार इस युवराज ने साउथ अफ्रीका के इस व्यवसायी को उत्तराखण्ड में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के ऑफर भी दिए हैं, इतना ही नहीं यह व्यवसायी देहरादून के राजपुर रोड़ पर एक पंच सितारा होटल की स्वीकृति के लिए भी फाईल चर्चित प्रमुख सचिव को दे चुके हैं, लेकिन जिस भूमि का चयन किया गया है, वह देश की रक्षा संस्थान के एक महत्वपूर्ण कार्यालय के समीप स्थित है, लिहाजा इस भूमि पर होटल बनाने की स्वीकृति में कई अड़चने सामने आ रही हैं, लेकिन चर्चित प्रमुख सचिव ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वे उनकी इस फाईल को क्लीयर करा लेंगे, लेकिन जानकारों का कहना है कि रक्षा संस्थान के समीप मात्र तीन मंजिला भवन ही बनाया जा सकता है और उसकी स्वीकृति के लिए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी।

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