बुधवार, 4 सितंबर 2013

बहुगुणा सरकार की उल्टी गिनती शुरू!

बहुगुणा सरकार की उल्टी गिनती शुरू!


11 सदस्यीय विधायक करेंगे बहुगुणा की पैरवी

राजेन्द्र जोशी
देहरादून। 19 अगस्त को हुई कांग्रेस विधान मण्डल दल की बैठक के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर की गोपनीय रिपोर्ट के बाद प्रदेश कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है। मुख्यमंत्री के समर्थन में 11 सदस्यीय विधायकों का दल राहुल गांधी और अहमद पटेल को मिलने दिल्ली पहुंच गया है। चर्चा हैं कि इनमें वो विधायक शामिल हैं, जिन्होंने बहुगुणा कार्यकाल में जमकर माल काटा है। अचानक बढ़ी सरगर्मी से अब लगने लगा है कि बहुगुणा की कुर्सी डावांडोल हो रही है। जानकार सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी और अहमद पटेल से समय न मिलने के बाद विधायकों का यह दल संसद के सेंट्रल हॉल में गया, लेकिन वहां भी उन्हें मायूसी ही हाथ लगी है। जानकारी यह भी है कि देहरादून पहुंचे राष्ट्रपति के कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा डैमेट कंट्रोल के लिए दिल्ली रवाना हो सकते हैं।
    गौरतलब हो कि बीती 19 अगस्त को प्रदेश विधान मण्डल के विधायकों द्वारा केंद्र से विधान मण्डल दल की बैठक बुलाने के दबाव के बाद मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अपने शासनकाल के 17 महीने बाद प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर की उपस्थिति में यह बैठक हो पाई। आठ घण्टे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री समर्थक और मुख्यमंत्री विरोधी विधायकों और मंत्रियों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। इस बैठक का लब्बोलुबाब यह रहा कि प्रदेश सरकार आपदा राहत कार्यों में पूरी तरह फेल रही है।  बैठक में क्या कुछ हुआ वह सब मसौदा लेकर प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को बीते चार दिन पूर्व ही सौंपी थी। इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश सरकार की चूलें हिलने लगी हैं। यही कारण है कि नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट सुन बहुगुणा के करीबी विधायक दिल्ली कूच कर गए हैं। चर्चा तो यहां तक है कि बहुगुणा के समर्थन में वे विधायक दिल्ली गए हैं, जिन्होंने बहुगुणा राज में जमकर खाई बाड़ी की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बहुगुणा समर्थक विधायकों का यह दल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अहमद पटेल से मिलने गया है। सूत्रों से बताया है कि ये विधायक राहुल गांधी और अहमद पटेल से मिलकर यह बताएंगे कि बहुगुणा सरकार ठीक काम कर रही है, जबकि इसके इतर 19 अगस्त को कांग्रेस विधानमण्डल दल की बैठक में अधिकांश विधायक प्रदेश सरकार पर यह आरोप लगा चुके हैं कि ‘‘लगता है प्रदेश में प्रोपर्टी डीलर की सरकार है‘‘। इस बैठक में क्या कुछ हुआ यह भी अब धीरे-धीरे बाहर आने लगा है। बैठक का ब्यौरा देते हुए एक विधायक ने कहा कि मंत्रियों के पास विधायकों के सवालों का जवाब नहीं था कि इन दो महीनों में उन्होंने क्या किया इसका भी जवाब किसी मंत्री के पास नहीं था। वहीं 2012 में उत्तरकाशी के गंगनानी, धारचूला और चमोली जिले में आपदा के दौरान मिले 300 करोड़ रूपये का क्या हुआ इसका भी जवाब आपदा मंत्री के पास नहीं था।
    बहुगुणा की कुर्सी डावांडोल होने की सुगबुगाहट के बाद बहुगुणा समर्थक विधायक लामबद्ध होने लगे हैं। इसी कड़ी में बहुगुणा के दांहिने हाथ माने जाने वाले नरेन्द्रनगर विधायक सुबोध उनियाल के नेतृत्व में 11 विधायकों का एक दल दिल्ली कूच कर गया है। जो कंाग्रेस नेतृत्व से मुलाकात कर बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाए रखने की बात करेगा। इन विधायकों का दावा है कि चार अन्य निर्दलीय विधायक भी बहुगुणा के समर्थन में हैं और वे किसी अन्य को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर उनका साथ नहीं देंगे। यहां यह भी गौरतलब है कि राहुल गांधी के उत्तराखण्ड दौरे के बाद और प्रदेश से मिल रही जानकारियों के बाद केंद्रीय आलाकमान बहुगुणा के कार्यों से जरा भी खुश नहीं है। क्योंकि आए दिन प्रदेश सरकार की मिल रही शिकायतों से केंद्रीय नेतृत्व भी आजिज आ चुका है और वह मन बना चुका है कि अब प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन ही एक मात्र विकल्प है। हालांकि कांग्रेस सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि पार्टी आलाकमान इतनी जल्दी मुख्यमंत्री बदलने पर सहमत नहीं था, लेकिन उत्तराखण्ड में पानी सिर से उपर जा चुका है और इससे कांग्रेस की काफी छिछालेदारी हुई है। लिहाजा केंद्र के पास अब नेतृत्व परिवर्तन के अलावा कोई और विकल्प शेष नहीं रह गया है।

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