देहरादून
: गैरसैंण का मामला उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का पीछा छोडऩे
को तैयार नहीं है, देहरादून में दूसरा विधानसभा भवन तैयार करने की योजना को
अंतिम रूप देते ही इस मसले को फिर से हवा मिलती दिख रही है। राज्य के
आंदोलनकारियों को खुश करने के लिहाज से मुख्यमंत्री ने जनवरी में चमोली
जिले के गैरसैंण में विधानसभा भवन बनाने की नींव रखी थी। हालांकि विधानसभा
अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने देहरादून में विधानसभा का दूसरा भवन बनाने
के सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार को पहले
राज्य की स्थायी राजधानी के मसले को सुलझाना होगा। देहरादून फिलहाल इस
पहाड़ी राज्य की अस्थायी राजधानी है। कुंजवाल को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री
हरीश रावत का समर्थक माना जाता है।
विधान सभा स्पीकर कुंजवाल ने कहा कि सरकार को सबसे पहले स्थायी राजधानी का मसला सुलझाना चाहिए और उसके बाद विधान भवनों की ओर ध्यान देना चाहिए। कुंजवाल ने कहा, 'जहां तक बात विधानभवनों की है तो इन पर कोई भी फालतू खर्च नहीं किया जाना चाहिए। मेरा मानना है कि अगर सरकार देहरादून में विधान सभा की इमारत बनाने की योजना बना रही है तो इसे राज्य के स्थायी राजधानी के मसले को भी सुलझाना चाहिए।Ó कुंजवाल गैरसैंण को राज्य की स्थायी राजधानी बनाना चाहते हैं। वह कहते हैं, 'अगर आप चाहते हैं कि देहरादून राजधानी बने तो विधानसभा यहां होनी चाहिए। लेकिन अगर आप गैरसैंण में विधानसभा भवन बना रहे हैं तो आपको राज्य की राजधानी के तौर पर उसकी स्थिति भी स्पष्ट करनी होगी।
विधान सभा स्पीकर कुंजवाल ने कहा कि सरकार को सबसे पहले स्थायी राजधानी का मसला सुलझाना चाहिए और उसके बाद विधान भवनों की ओर ध्यान देना चाहिए। कुंजवाल ने कहा, 'जहां तक बात विधानभवनों की है तो इन पर कोई भी फालतू खर्च नहीं किया जाना चाहिए। मेरा मानना है कि अगर सरकार देहरादून में विधान सभा की इमारत बनाने की योजना बना रही है तो इसे राज्य के स्थायी राजधानी के मसले को भी सुलझाना चाहिए।Ó कुंजवाल गैरसैंण को राज्य की स्थायी राजधानी बनाना चाहते हैं। वह कहते हैं, 'अगर आप चाहते हैं कि देहरादून राजधानी बने तो विधानसभा यहां होनी चाहिए। लेकिन अगर आप गैरसैंण में विधानसभा भवन बना रहे हैं तो आपको राज्य की राजधानी के तौर पर उसकी स्थिति भी स्पष्ट करनी होगी।
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