सोमवार, 2 दिसंबर 2013

कुर्सी बचाने को मुख्यमंत्री चढ़े 500 सीढ़ीयां!

राजेन्द्र जोशी
देहरादून: उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को आखिर अपनी कुलदेवी के दर्शन करने अपने पैतृक गांव बुघाणी क्यों जाना पड़ा, यह बात अब धीरे-धीरे सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में बीते कुछ महीने से मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही उथल-पुथल को मुख्यमंत्री के पण्डितों ने कुल देवी का रूष्ट होना बताया है। यही कारण है कि लगातार हैलीकाप्टर से यात्रा करने वाले मुख्यमंत्री को 500 सीढ़ीयां चढ़कर अपनी कुलदेवी गौरा के दर्शन करने पड़े।
एक जानकारी के अनुसार बीते कई महीनों से प्रदेश में राजनैतिक उथल-पुथल के चलते जब मुख्यमंत्री ने अपने कुल पुरोहित को समस्या के निराकरण के लिए कहा तो कुल पुरोहित ने उनको कुल देवी गौरा के नाराज होने का प्रकोप बताया। इस पर मुख्यमंत्री परिवार के साथ बुघाणी गांव गए और अपनी कुल देवी के दर्शन के लिए 500 सीढ़ीयां चढ़ देवी से नाराजगी पर माफी मांगी और वहीं उन्होंने देवी से अपनी कुर्सी बचाने की मन्नत भी मांगी। राजनैति हलकों में मुख्यमंत्री की इस यात्रा को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं, लोगों का कहना है कि एक कदम भी पैदल न चलने वाले मुख्यमंत्री को आखिरकार उस महाशक्ति के सामने नतमस्तक होना पड़ा, जिसको वह कभी मानने से भी कतराया करता था। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री की बुघाणी यात्रा को लेकर बुघाणी, सुमाड़ी और देवलगढ़ गांवों में खासी चर्चा रही। ग्रामीणों का कहना था कि उनकी कुल देवी में इतनी शक्ति है कि वह मुख्यमंत्री को भी अपने चरणों में नतमस्तक करा देती है। बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री रहे स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा का अपनी कुल देवी से खासा लगाव था और वे साल में एक बार उनकी पूजा-अर्चना करने स्वंय ही आते थे, यदि व्यस्तता होती थी तो, वे देवी के मंदिर में हर बार कुछ न कुछ अवश्य चढ़ावा भेजा करते थे। यही कारण है कि उनकी कुलदेवी गौरा का उन पर जीवन परयन्त आर्शीवाद रहा।

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