शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014

उत्तराखंड में हुए एनआरएचएम घोटाले की सीबीआई जांच की संस्तुति


राजेन्द्र जोशी


National-Rural-Health-Mission-Recruitment-2014देहरादून  । उत्तरप्रदेश की तरह उत्तराखंड में हुए एन आर एच एम घोटाले  की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद  भाजपा की मुश्किले बढ़ती नजर आ रही हैं वहीं इस मामले पर भाजपा ने इसे कांग्रेस का राजनैतिक कदम  करार दिया और कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव की हार से पहले अपनी झटपटाहट दिखा रही है उत्तराखंड के साथ साथ देश के कई राज्यो में केंद्र सरकार से नेशनल रूरल हैल्थ मिशन के तहत करोड़ो रूपए की धनराशि दी गयी थी जिस पर घोटाला होने की जानकारी उजागार हुई।
   उल्लेखनीय है कि इस मामले में राज्य सूचना आयोग के सदस्य अनिल शर्मा को कई बार जान से मारने की धमकी दी जा चुकी है क्योंकि उन्होने इस मामले पर राज्य सूचना आयोग में हरिद्वार निवासी रमेेश चन्द्र शर्मा द्वारा की गयी शिकायत के बाद लम्बी सुनवायी कर प्रदेश सरकार कोे इस समूचे प्रकरण की 21 नवम्बर 2011 को सीबीआइ जांच की अनुशंसा की थी जांच के दौरान कोर्ट ने पाया कि एनआरएचएम के तहत 2008 मे 14,70 करोड़ की निःशुल्क वितरण के लिए खरीदी गयी दवाओं में करोड़ो रूपये का घोटाला हुआ है यहीं नहीं खरीदी गयी दवाओं  से जुड़े दस्तावेज भी गायब हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने कोर्ट मे खुद आ कर विभागीय जांच और दस्तावेजों को उपलब्ध कराने में आयोग के समक्ष असमर्थता जाहिर की थी। महानिदेशक के असमर्थता के बाद राज्य सूचना आयुक्त अनिल कुमार शर्मा की कोर्ट ने मुख्य सचिव को पूरे प्रकरण पर सीबीआई जांच की संस्तुति की थी । तब से लेकर अब तक यह फाइल सचिवालय में जांच की अन्य फाइलों की तरह धूल फांक रही थी। जिसपर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धूल हटाने की कोशिश की है। अब देखना होगा कि राज्य निर्माण से लेकर आज तक की जांच का मुंह ताक रही तमाम वो फाइलों भी बाहर निकल कर आती भी हैं अथवा ऐसे ही पड़ी रहती है।
   गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के अंदर इस घोटाले को लेकर एक सीएमओ का मर्डर तक कर दिया गया था और कई कर्मचारी अभी भी जेल की हवा ले रहे है ंजिस के बाद इस मामले का खुलासा अन्य राज्यों में भी हुआ था जिस में कई अधिकारी दोषी पाये गए है और अब उत्तराखंड में इस घोटले की जांच राज्य सरकार ने सीबीआइ से करवाने की संस्तुति कर दी है जिस ने उन राजनैतिक लोगों के साथ साथ अधिकारियों की भी नींद उड़ा कर रख दी है जिन के हाथ इस घोटले की खान में काले हो रखे है उत्तराखंड में स्वास्थ्य महकमे के अंदर हुए  प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला भाजपा के शासनकाल का है यही भाजपा की चिंता भी है कि वह जांच की आंच मे न फंस जाये । वहीं इस घोटाले को अंजाम देने वाला एक प्रदेश प्रशासनिक सेवा का एक चर्चित अधिकारी  वर्तमान में उत्तराखंड से अपने मूल कैडर उत्तरप्रदेश जा चुका है।  वहीं भाजपा के एक वर्तमान विधायक पर भी कार्रवाही हो सकती है कुल मिलकर इस घोटाले की जांच के बाद कई लोगों के ऊपर से नकाब उतर सकता है जो उनकी राजनैतिक जमीं के लिए ठीक नहीं इस मामले को कांग्रेस के कुछ विधयाकों द्वारा भी पूर्व में विधानसभा में उठाया जा चुका है अब इस मामले पर भाजपा किस तरह खुद का बचाव करती है ये देखने वाली बात होगी क्योंकि कांग्रेस इस मामले को जनता के बीच ले जाने में जुट गयी है माना जा रहा है कांग्रेस भाजपा शासनकाल में हुए कई दूसरे मामलांे को भी जल्द जांच के बाद सीबीआई को देने पर मंथन करती हुई देखी जा रही है।

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