मंगलवार, 18 दिसंबर 2012

योजना पर अमल की तैयारी, सरकार चली गैरसैंण

योजना पर अमल की तैयारी, सरकार चली गैरसैंण
राजेन्द्र जोशी
देहरादून, 18 दिसम्बर। कांग्रेस सरकार ने अपने कदम अब उत्तराखंड में गैंरसैण की ओर बढ़ाना शुरू कर दिया हैं। बीती तीन नवंबर राज्य के इतिहास में पहली बार गैरसैंण में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में लिये गये निर्णयों पर अमल के लिए सरकार ने अब ठोस पहल करनी शुरू कर दी है। दस अधिकारियों का एक दल 18 दिसम्बर को को गैंरसैण रवाना हो गया, जो 19 दिसंबर से लेकर 21 दिंसबर तीन दिन गैरसैंण में कैंंिपंग करेंगा और सरकार की घोषणाओं के आधार पर यहां पर बनाये जाने वाले भवनों के निर्माण के लिए सर्वेक्षण करेगा।
    उल्लेखनीय हो कि सरकार ने कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया था कि गैरसैंण में शीघ्र ही विधानभवन बनाया जायेंगा विधानसभा का एक सत्र यहां हर साल आयोजित किया जायेंगा। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा द्वारा की गई घोषणा कि 14 जनवरी 2013 को गैरसैंण में विधनसभा भवन का शिलान्यास किया जायेंगा। इस घोषणा पर अमल के लिए अब सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। गैंरसैण में सत्र चलाये जाने की परिकल्पना को पूरा करने के लिए यहां चार बड़े भवनों के निर्माण की जरूरत है जिसमें विधानसभा भवन, मिनी सचिवालय, विधायक व मंत्री आवास एंव अधिकारी आवास प्रमुख हैं। इन भवनों के निर्माण के लिए भूमि का चयन एंव अन्य तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिए सर्वेक्षण जरूरी हैं। इन भवनों के सर्वेक्षण के लिए सचिव आवास एंव सचिव राज्य संपत्ति के अलावा पीडब्ल्यूडी और विधानसभा के उच्च अधिकारी भूगर्भ विशेषज्ञ कल से गैरसैंण में रहकर सर्वेक्षण करेंगे। इस क्षेत्र में भवनों के निर्माण के साथ-साथ सड़क बिजली, पानी और हैलीकॉप्टर लेंडिग के लिए जमीन की तलाश की जायेंगी। अपने इस कैंप के दौरान यह अधिकारी इन भवनों के निर्माण का खाका तैयार करेंगे। इस पहल से यह साफ हो गया है कि सरकार ने अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए ठोस पहल शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा है कि 14 जनवरी 2013 को होने वाले शिलान्यास में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को बुलाया जायेगा। वहीं इस मामले में सांसद सतपाल महाराज ने केन्द्र सरकार से 50 करोड़ रुपये अतिरिक्त धन मुहैया कराने की मांग की है। वहीं एक जानकारी के अनुसार विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसुया प्रसाद मैखुरी व राज्य के कुछ महत्वपूर्ण नेताओं ने विदेशी पशु प्रजनन प्रक्षेत्र भरारीसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए उपयुक्त बताया है। इनका कहना है कि भरारीसैंण में सरकार को कई आवासीय भवन सहित बैठक के लिए सभागार और कार्यालय भवन पर कम खर्च के बावजूद सुविधा मिल जाएगी, क्योंकि दो दशक पूर्व यहां पर विदेशी पशु प्रजनन प्रक्षेत्र का अच्छा खासा कार्यालय था, जो राज्य बनने के बाद लगभग खाली सा हो गया है, वहीं इसी स्थान पर विधानभवन और मिनी सचिवालय के निर्माण को भी हरी झण्डी मिल सकती है, क्यांेकि इस स्थान पर बिजली, पानी सहित हैलोड्रम तक बनाने के लिए जमीन उपलब्ध है। इससे जहां सरकार पुराने भवनों को इस्तेमाल में लाकर खर्चा बचा सकती है, वहीं इनका उपयोग भी ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए किया जा सकता है।

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