बुधवार, 31 अक्तूबर 2012

हर निर्णय पर रोल बैक करती उत्तराखण्ड सरकार

हर निर्णय पर रोल बैक करती उत्तराखण्ड सरकार

राजेन्द्र जोशी
देहरादून, 31 अक्टूबर । सितारगंज व टिहरी उपचुनाव से पहले सरकार जनता से किए गए वादों पर मुकरती हुई नजर आ रही है। इतना ही नहीं प्रदेश में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में वैट पर दी गई छूट को राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। जबकि टिहरी के उपचुनाव में राज्य सरकार ने वैट खत्म करने की बात कही थी। राज्य सरकार के इस कदम से जनता खासी नाराज होती दिख रही है, वहीं विपक्ष के हमलें भी सरकार खिलाफ तेज हो गए हैं। भाजपा इस मुद्दे को लेकर गर्माने में जुट गई है और सरकार के कदमों से बहुगुणा कैबिनेट के कई मंत्री नाराज भी बताए जा रहे हैं, वहीं सितारगंज की जनता भी मुख्यमंत्री द्वारा किए गए वादों को पूरा न होता देख नाराज होती दिख रही है और बंगाली समुदाय को जमीन का पट्टा दिए जाने को लेकर भी वहां खारा रोष नजर आ रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री सितारगंज में चार परिवारों को पट्टा देकर वहां की जनता को लुभाने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसके अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को भूमिधरी अधिकार का पट्टा नहीं मिल पाया है।
गौरतलब है कि देशभर में तेल की कीमतें बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल पर वैट हटा दिया था और उत्तराखण्ड राज्य में अन्य राज्यों की अपेक्षा पेट्रोल 2.65 रूपया सस्ता मिल रहा था, लेकिन बीते दिवस राज्य सरकार ने अपना फैसला पलट दिया, जिस कारण राज्य में वैट लागू होने से आई.ओ.सी. के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल की कीमत 69.01 से बढ़कर 71.66 हो गई। वहीं एच.पी.सी. व बी.पी.सी. के पेट्रोल पंपों पर प्रति लीटर 69 रूपये के बजाए 71.65 रूपये पेट्रोल की कीमत हो गई है।
पेट्रोल पंप ऐसोसिएशन के सचिव अमरजीत सेठी ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से वैट लागू किए जाने का आदेश मंगलवार दोपहर आने के बाद पेट्रोल के दामों में बढोत्तरी की गई है, जबकि राज्य सरकार ने कुछ समय पूर्व ही पेट्रोल पर वैट घटाने की बात कही थी।
प्रदेश में पेट्रोल के दामों में वैट खत्म किए जाने को लेकर भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट का कहना है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार रोल बैक सरकार के रूप में काम कर रही है और जनता को शोषण कर रही है, जिसका ताजा उदाहरण राज्य में पेट्रोल के दाम बढोत्तरी के रूप में सामने है। उन्होंने कहा देश के 13 राज्यों में कम कीमत पर पेट्रोल बेचा जा रहा है, लेकिन टिहरी का उपचुनाव हारने के बाद राज्य सरकार ने जनता पर बोझ लादना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कांग्रेस का चरित्र जनता को बेवकूफ बनाने का रहा है, जिसे लेकर भाजपा जनता के बीच इस मुद्दे को लेकर जाएगी।
हालांकि राज्य सरकार के इस कदम के बाद चौतरफा हमला तेज हो गया है और कांग्रेस आगामी नौ नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर की जाने वाली घोषणाओं की तैयारी में जुट गई है। माना जा रहा है आगामी तीन नवम्बर को गैरसैंण में होने वाली कैबिनेट बैठक में कई निर्णयों पर फैसले राज्य सरकार ले सकती है। जिसमें राज्य में बेरोजगार लोगों को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण फैसले हैं।

हर निर्णय पर रोल बैक करती उत्तराखण्ड सरकार

हर निर्णय पर रोल बैक करती उत्तराखण्ड सरकार
राजेन्द्र जोशी
देहरादून, 31 अक्टूबर । सितारगंज व टिहरी उपचुनाव से पहले सरकार जनता से किए गए वादों पर मुकरती हुई नजर आ रही है। इतना ही नहीं प्रदेश में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में वैट पर दी गई छूट को राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। जबकि टिहरी के उपचुनाव में राज्य सरकार ने वैट खत्म करने की बात कही थी। राज्य सरकार के इस कदम से जनता खासी नाराज होती दिख रही है, वहीं विपक्ष के हमलें भी सरकार खिलाफ तेज हो गए हैं। भाजपा इस मुद्दे को लेकर गर्माने में जुट गई है और सरकार के कदमों से बहुगुणा कैबिनेट के कई मंत्री नाराज भी बताए जा रहे हैं, वहीं सितारगंज की जनता भी मुख्यमंत्री द्वारा किए गए वादों को पूरा न होता देख नाराज होती दिख रही है और बंगाली समुदाय को जमीन का पट्टा दिए जाने को लेकर भी वहां खारा रोष नजर आ रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री सितारगंज में चार परिवारों को पट्टा देकर वहां की जनता को लुभाने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसके अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को भूमिधरी अधिकार का पट्टा नहीं मिल पाया है।
गौरतलब है कि देशभर में तेल की कीमतें बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल पर वैट हटा दिया था और उत्तराखण्ड राज्य में अन्य राज्यों की अपेक्षा पेट्रोल 2.65 रूपया सस्ता मिल रहा था, लेकिन बीते दिवस राज्य सरकार ने अपना फैसला पलट दिया, जिस कारण राज्य में वैट लागू होने से आई.ओ.सी. के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल की कीमत 69.01 से बढ़कर 71.66 हो गई। वहीं एच.पी.सी. व बी.पी.सी. के पेट्रोल पंपों पर प्रति लीटर 69 रूपये के बजाए 71.65 रूपये पेट्रोल की कीमत हो गई है।
पेट्रोल पंप ऐसोसिएशन के सचिव अमरजीत सेठी ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से वैट लागू किए जाने का आदेश मंगलवार दोपहर आने के बाद पेट्रोल के दामों में बढोत्तरी की गई है, जबकि राज्य सरकार ने कुछ समय पूर्व ही पेट्रोल पर वैट घटाने की बात कही थी।
प्रदेश में पेट्रोल के दामों में वैट खत्म किए जाने को लेकर भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट का कहना है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार रोल बैक सरकार के रूप में काम कर रही है और जनता को शोषण कर रही है, जिसका ताजा उदाहरण राज्य में पेट्रोल के दाम बढोत्तरी के रूप में सामने है। उन्होंने कहा देश के 13 राज्यों में कम कीमत पर पेट्रोल बेचा जा रहा है, लेकिन टिहरी का उपचुनाव हारने के बाद राज्य सरकार ने जनता पर बोझ लादना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कांग्रेस का चरित्र जनता को बेवकूफ बनाने का रहा है, जिसे लेकर भाजपा जनता के बीच इस मुद्दे को लेकर जाएगी।
हालांकि राज्य सरकार के इस कदम के बाद चौतरफा हमला तेज हो गया है और कांग्रेस आगामी नौ नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर की जाने वाली घोषणाओं की तैयारी में जुट गई है। माना जा रहा है आगामी तीन नवम्बर को गैरसैंण में होने वाली कैबिनेट बैठक में कई निर्णयों पर फैसले राज्य सरकार ले सकती है। जिसमें राज्य में बेरोजगार लोगों को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण फैसले हैं।

हरक का हवाई दौरा बना विवादित

हरक का हवाई दौरा बना विवादित
राजेन्द्र जोशी
देहरादून । कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के एक विवाह समारोह मंे हैलीकाप्टर लेकर जाना विवाद का विषय बन गया है। प्रदेश के भाजपा नेता रविन्द्र जुगरान ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि मंत्री की फीजूल खर्ची कांग्रेस के वित्तीय कुशासन को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि मंत्री को नियमों के खिलाफ सरकारी हैलीकाप्टर ले जाने की इजाज़त किसने दी, इसका पैसा मंत्री से वसूल किया जाना चाहिए।
कांग्रेस के तेजतरार नेता हरक सिंह रावत के अगस्तमुनी भाजपा कार्यकर्ता बीर सिंह की पुत्री की शादी में सरकारी हैलीकाप्टर से जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। गौरतलब हो कि भाजपा नेता बीर सिंह की पत्नी विमला रावत जो जिला पंचायत रूद्रप्रयाग की सदस्य भी हैं ने बीते विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री मातबर सिंह कण्डारी द्वारा उनके परिवार को प्रताड़ना से आजीज आकर भाजपा छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। एक जानकारी के अनुसार मातबर सिंह कण्डारी उनसे व्यक्तिगत द्वेष रखने लगे थे और उनके परिवार को लगातार भाजपा शासनकाल में ही परेशान किया जाने लगा था। यही कारण है कि उनकी जिला पंचायत सदस्य पत्नी विमला रावत ने एन विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का दामन थाम किया था, हालांकि अभी लोकसभा उपचुनाव के दौरान ही मातबर सिंह कण्डारी ने भी कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। राजनैतिक हलकों में करोड़ों रूपयों के ऋण के बोझ तले दबे उत्तराखण्ड राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की फीजूल खर्ची को लेकर चर्चाएं गर्म हैं कि जनता की गाढ़ी कमाई को प्रदेश के मंत्री उड़ाने में अपने स्तर से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। राजनैतिक जानकारों का मानना है कि हरक सिंह रावत को यदि कार्यक्रम में शिरकत करना ही था तो वे एक दिन पहले अगस्तमुनी पहुंचकर कार्यक्रम में शिरकत कर सकते थे, लेकिन सवाल यह उठता है कि निजी कार्यक्रम में शामिल होने पर मंत्री द्वारा सरकारी धन का दुरूपयोग क्यों किया गया और मंत्री की इस हवाई यात्रा से वहां की जनता को क्या मिला और उसका खामियाजा किसको भुगतना पड़ेगा। मामले में भाजपा नेता व उत्तराखण्ड आंदोलनकारी संगठन के नेता रविन्द्र जुगरान ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जब आम आदमी टैक्स देता है तो वह राजकोष में जाता है, जिससे प्रदेश की विकास योजनाएं बनती हैं। उन्होंने कहा अगर सरकार के मंत्री फीजूल खर्ची करते हैं तो इस कर्ज में डूबे प्रदेश का क्या होगा। उन्होंने कहा कि 24 अक्टूबर को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत एक विवाद कार्यक्रम में रूद्रप्रयाग जिले के अगस्तमुनी में सरकारी हैलीकाप्टर से गए, जिससे सरकारी धन की बर्बादी हुई। उन्होंने इस खर्च की धनराशि को मंत्री से वसूले जाने की मांग भी की।
राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि उत्तराखण्ड का गठन पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए किया गया था, लेकिन मंत्रियों के चाल-चलन से यह नहीं लगता कि उन्हें इस प्रदेश से कोई लेना देना है। दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों की जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है, राज्य के कई ऐसे क्षेत्र भी हैं, जहां सरकारी योजनाएं जाना तो दूर उसकी परछाई भी नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में नेताओं को प्रदेश के विकास और आम जन के विकास के लिए हर संभव सुविधाएं जुटाए जाने का प्रयास करना चाहिए, न कि सरकारी धन को अपने निजी खर्च के प्रयोग मंे लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे लोगों में निराशा का भाव पैदा होता है, क्योंकि प्रदेश के विकास के लिए जनता ने नेताओं को सत्ता सौंपी है, लेकिन नेता जनता की कसौटी पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं।

रविवार, 21 अक्तूबर 2012

एक्स कॉडर व्यवस्था पूर्णतः समाप्त

एक्स कॉडर व्यवस्था पूर्णतः समाप्त
एक जनवरी से प्रदेश में गुटखे पर पूर्णतः प्रतिबंध
16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पीपीपी मोड पर
राजेन्द्र जोशी
देहरादून  । उत्तराखण्ड राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में सरकार ने आज कई महत्वपूर्ण फैसले किए, जिनमें राज्य से एक्स कॉडर व्यवस्था से पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है, वहीं राज्य में राफ्टिंग कंपनियों को राहत देते हुए उन पर लगाया जाने वाले मनोरंजन कर समाप्

त कर दिया गया है। इतना ही नहीं राज्य मंत्रिमण्डल ने राज्यवासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने आगामी एक जनवरी से गुटखे व तम्बाकू को राज्य में पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस निर्णय के बाद उत्तराखण्ड देश का 13वां ऐसा राज्य होगा जहां गुटखे और तम्बाकू पर पूर्णतः प्रतिबंधित होगा, वहीं राज्य में बस में सफर करने वाले लोगों को राज्य सरकार द्वारा राहत देते हुए बसों के लिए पूर्व निर्धारित 10 करोड़ रूपये की राशि को बढ़ाकर 25 करोड़ रूपये कर दिया गया है।
राज्य कैबिनेट की शनिवार को हुए बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगायी गयी । सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण मामले में गठित जस्टिस इरशाद हुसैन कमेटी की रिपोर्ट और गुटखे पर प्रतिबंध के अलावा राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले तीन सब्सिडीयुक्त सिलेंडर के मामले पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई । बैठक में पदोन्नति में आरक्षण के मामले में गठित सेवानिवृत्त जस्टिस इरशाद हुसैन कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा की गयी । कमेटी ने एक्स कैडर पदों के सृजन के मामले में रिपोर्ट सौंपी थी । कर्मचारियों से जुड़े महत्वपूर्ण मसले पर कैबिनेट फैसला लिया है
वहीँ राज्य के 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में संचालित करने संबंधी प्रस्ताव पर कैबिनेट में विचार हुआ । इनमें पौड़ी जिले में पाबौ व थलीसैंण, टिहरी जिले के हिंडोलाखाल व थत्यूड़, देहरादून जिले के रायपुर व सहिया, उत्तरकाशी के नौगांव, चमोली के गैरसैंण, रुद्रप्रयाग के जखोली, हरिद्वार के भगवानपुर, नैनीताल के गरमपानी, अल्मोड़ा के चौखुटिया, पिथौरागढ़ के मुंस्यारी, ऊधमसिंहनगर के बाजपुर, बागेश्वर के कपकोट और चंपावत जिले के लोहाघाट स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।
हालाँकि केंद्र सरकार से सब्सिडी वाले छह सिलेंडर व राज्य सरकार की ओर से तीन सिलेंडरों के अतिरिक्त सब्सिडी वाले तीन अन्य सब्सिडीयुक्त सिलेंडरों के वितरण के मानकों पर भी कैबिनेट बैठक में विचार और निर्णय लिए जाने की उम्मीद थी लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया , मंत्रिमण्डल के फैसलों की जानकारी देते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव आलौक कुमार जैन ने बताया कि राज्य में ईंट भट्टो पर वर्ष 2012-13 के लिए लगने वाले वैट को 12 प्रतिशत एवं वर्ष 2013-14 के लिए पांच प्रतिशत किए जाने का निर्णय भी लिया गया है। उन्होंने बताया समाधान योजना के तहत इसे दो वर्ष के लिए बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया राज्य के बजट निदेशालय की सेवा नियमावली को संशोधित किया गया है, जिससे कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही निजी चीनी मिलों को जो विद्युत उत्पादन कर रहे हैं, उन्हें पॉवर कारपोरेशन के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय भी लिया गया है। उन्होंने बताया राज्य के 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को पीपीपी मोड में दिए जाने का निर्णय भी लिया गया है, इससे राज्य की जनता को और अधिक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाएंगी। उन्होंने बताया कि जस्टिस इरशाद हुसैन की अध्यक्षता में बनी कमेटी द्वारा एक्स कॉडर पर नियुक्ति की व्यवस्था को उचित नहीं मानते हुए राज्य में एक्स कॉडर की व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जिन स्थानों पर रीवर राफ्टिंग की जा रही है, वहां वर्ष 2010 से 20 प्रतिशत मनोरंजन कर वसूल किया जाता था, जिसे राज्य सरकार ने समाप्त कर दिया है, इससे रीवर राफ्टिंग के लगभग 200 कारोबारियों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि राज्य में परिवहन विभाग की बसों की खरीद के लिए पूर्व में निर्धारित 10 करोड़ की धनराशि को बढ़ाकर 25 करोड़ रूपये कर दिया गया है, जिससे परिवहन विभाग के बेड़े में नई बसें खरीदी जा सकेंगी।