मंगलवार, 9 जुलाई 2013

बहुगुणा सरकार कभी भी जा सकती है वैटींलेटर पर!

बहुगुणा सरकार कभी भी जा सकती है वैटींलेटर पर!

कहीं बहुगुणा को भी न ले डूबे घनसाली यात्रा!

राजेन्द्र जोशी
देहरादून : उत्तराखण्ड सरकार आईसीयू में है और शीघ्र ही वह वैटींलेटर पर जाने वाली है। यह बात कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बयानों से साफ झलक रही है कि कांग्रेस में जो कुछ चल रहा है, वह बहुगुणा सरकार के लिए ठीक नहीं है। धारचूला के विधायक हरीश धामी के इस्तीफे देने के बयान के बाद हेमेश खर्कवाल और विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल तक ने सरकार पर यह आरोप लगाया कि सरकार जन अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर रही है और राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसे में विपक्ष का सक्रीय होना जायज भी है और सूत्रों ने तो यहां तक बताया है कि भाजपा के दो पूर्व मुख्यमंत्री बसपा और निर्दलीयों सहित कांग्रेस के खफा विधायकों के संपर्क में हैं। इनकी संख्या अभी 12 बताई जा रही है, ऐसे में यदि 12 विधायक एक साथ बहुगुणा सरकार को बाय-बाय कर देते हैं तो सरकार गिर तक भी सकती है।
    कांग्रेस के वरिष्ठ गांधीवादी नेता और विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपनी ही सरकार पर प्रहार करते हुए यह तक कह दिया कि, जिस उम्मीद के साथ प्रदेश की जनता ने सरकार को बनाया वह पूरी होती नहीं दिख रही है, प्रदेश की जनता में सरकार के प्रति भारी असंतोष और नाराजगी है और उन्होंने तो यहां तक कहा कि बीते दिनों कांग्रेस की एक बैठक में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भी सरकार को भ्रष्टाचार पर काबू पाने में जहां असफल बताया था, वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार राज्य की अफसरशाही पर लगाम लगाने में नाकामयाब साबित हुई है। इतना ही नहीं उन्होंने राज्य के जिलों के प्रभारी मंत्रियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे जिन जनपदों के प्रभारी हैं, वहां गंभीरता से कार्य नहीं कर रहे हैं।
    इधर कांग्रेस के चम्पावत से विधायक हेमेश खर्कवाल ने विधायक की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को उनकी बातों पर विचार करना चाहिए, अन्यथा स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है, इतना ही नहीं फुटबाल मैच के दौरान मामूली से विवाद पर धारचूला के विधायक हरीश धामी ने जेल से छूटने के बाद सरकार पर आरोप लगाया कि एक ओर उनके मुख्यमंत्री विधायक पर दर्ज मामले को वापस लेने की बात कहते हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन विधायक पर गैर जमानती वारंट जारी कर उसे जेल की सलाखों के भीतर जाने को मजबूर कर देते हैं। उन्होंने कहा जब राज्य में विधायक की यह स्थिति है तो आम जन की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा वे स्वंय समझ सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को धमकी देते हुए कहा कि यदि उन्हें हरीश धामी जैसे विधायक की जरूरत नहीं है, तो वे उन्हें साफ कह दें वे तुरंत इस्तीफा देने को तैयार हैं। वहीं हरीश धामी ने एक बयान में कहा कि प्रदेश सरकार से जहां जनता नाखुश है वहीं कई विधायक भी खासे नाराज हैं, लेकिन इस्तीफा देने की पहल कौन करे इसलिए मुझे आगे आना पड़ रहा है, उन्होंने कहा कि उनके साथ 12 अन्य विधायक भी इस्तीफा देने को तैयार हैं।
    कांग्रेस में मचे इस घमासान को देखते हुए भाजपा के दो पूर्व मुख्यमंत्री सक्रीय हो गए हैं और पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनो पूर्व मुख्यमंत्रियों के संपर्क में कांग्रेस से नाराज चल रहे विधायकों सहित बसपा व निर्दलीय विधायक तक हैं। हालांकि अभी भाजपा वेट एंड वाच की स्थिति में है और वह कांग्रेस के भीतर मच रहे घमासान पर तीखी नजर गढ़ाए हुए है।
    वहीं दूसरी ओर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीती शाम उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रभारी चौधरी विरेन्द्र सिंह, मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और केंद्रीय मंत्री हरीश रावत के बीच दिल्ली में दो घंटे तक बंद कमरे में बैठक हुई। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि कांग्रेस मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा अथवा उनके पुत्र साकेत बहुगुणा को टिहरी संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है और नैनीताल सीट पर भी इन दोनों का दावा बताया जा रहा है, क्यांेकि बीते कुछ दिनों से बहुगुणा अपने पुत्र को लेकर जहां नैनीताल लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सितारगंज विधानसभा सीट के ताबड़तोड़ दौरे कर चुके हैं, वहीं बहुगुणा के टिहरी लोकसभा सीट पर भी लगातार दौरों को इसी नजर से देखा जा रहा है। बीते कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री घनसाली की यात्रा करके वापस लौटे हैं। यहां यह भी एक कहावत चर्चाओं में है कि जिस भी मुख्यमंत्री ने घनसाली की यात्रा की, उसको मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी, इससे पहले भाजपा के मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की घनसाली की यात्रा मुख्यमंत्री के रूप में अंतिम यात्रा थी। कहीं यह कहावत सत्य न हो जाए कि आगामी कुछ दिनों में प्रदेश को कोई नया नेतृत्व मिल जाए।

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