बुधवार, 20 अगस्त 2014

मोदी की राह पर हरीश रावत , लिए कई कड़े फैसले

नौकरशाही की विदेश यात्राओं पर जहां पूरी तरह अंकुश

सम्पत्ति को देना होगा विवरण

पहली नियुक्ति पर स्थानान्तरण की जगह बर्खास्तगी



राजेन्द्र जोशी
देहरादून   । मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मोदी की राह पर चलते नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि मोदी की तरह हरीश रावत ने भी राज्य की जनता को कड़े फैसले लेने की बात कही है।  यह कड़े फैसले फिलवक्त तो राज्य की बेपटरी हो चुकी नौकरशाही पर लिए जाते नजर आ रहे हैं लेकिन गाहे-बगाहे इन फैसलों का लाभ जनता को भी मिलता नजर आ रहा है। मोदी के तर्ज पर हरीश रावत ने नौकरशाही की विदेश यात्राओं पर जहां पूरी तरह अंकुश लगा दिया है वहीं अधिकारियों की पिछली विदेश यात्राओं से राज्य को कितना लाभ पहुंचा इसका भी मूल्यांकन करना उन्होंने शुरू कर दिया है।  मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य के अस्तित्व में आने से लेकर आज तक इन विदेश यात्राओं से राज्य को कितना लाभ हुआ इस बात की जांच की जाएगी।  वहीं मोदी की तर्ज पर उन्होंने राज्य के अधिकारियों पर नकेल कसते हुए उनको यह भी साफ बता दिया है कि अब वे जो भी सम्पत्ति खरीदेंगे, उसकी सूचना उन्हें कार्मिक विभाग को देनी होगी। वह सम्पत्ति चाहे पत्नी के नाम हो अथवा पुत्रों व परिजनों के नाम।
       मुख्यमंत्री हरीश रावत के कड़े फैसलों की कड़ी में शिक्षा विभाग पर भी उनकी नजरें टेढ़ी हुई हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को साफ संदेश दिया है कि अब गंभीर बीमारी का बहाना बनाकर वे स्थानान्तरण नहीं करा पाएंगे। यदि स्थानान्तरण अथवा अवकाश कर्मचारी लेते हैं तो उन्हें उस समय अन्तराल का वेतन नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने पहली नियुक्ति पर स्थानान्तरण चाहते वाले कर्मियों पर भी लगाम लगाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पहली नियुक्ति पर स्थानान्तरण चाहने वाले कार्मिकों की नियुक्ति अस्वीकति की जाएगी। वहीं उन्होंने कार्मिकों का यह सुविधा देने की कोशिश भी की है जो कार्मिक सुदूरवर्ती कठिन स्थानों पर तैनात हैं उन्हें राज्य सरकार और कितनी सुविधाएं दे सकती है इस पर विचार किया जाएगा। यह सुविधा चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग पर लागू की जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद्यान्य योजना के तहत गलत राशन कार्ड बनाने वाले व राशन कार्ड रखने वालों को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सतर्कता विभाग को और मजबूत करने की जरूरत है, और उन्होंने सतर्कता विभाग को निर्देश दिया कि वे पुराने मामलों का पुनरीक्षण करें।
नंदादेवी राजजात पर उन्होंने कहा कि लोगों में इसका उत्साह देखा जा रहा है लेकिन बेदनी से आगे मार्ग खराब होने की स्थिति में स्वयंसेवक इस पैदल मार्ग की जानकारी यात्रियों को देंगे। उन्होंने कहा कि वाण से आगे शारीरिक रूप से सक्षम को ही आगे जाने दिया जाएगा। इसके लिए वाण में चिकित्सा परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहाकि  बेदनी से आगे दल-दली स्थानी पर लकड़ी के तख्तों व खतरनाक रास्तों पर रस्सी के सहारे अनुभवी पर्वतारोहियों के निर्देशन में यात्रियों को आगे जाने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यात्रा मार्ग पर सामान्य मोबाइल के अलावा सेटेलाइट फोन व नियमित बिजली के अलावा आस्का लाइट की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में यह संदेश जा रहा है कि उत्तराखंड सबसे असुरक्षित प्रदेश है जबकि उन्होंने कहा कि हम नंदादेवी राजजात यात्रा से देश में यह संदेश देना चाहते हैं कि उत्तराखंड भी देश के अन्य पर्वतीय राज्यों की तरह सुरक्षित है।
आपदा पर उन्होंने कहा कि कुछ महीनों पूर्व जहां आपदा एक ही स्थान पर आती थी अब इसने पूरे पर्वतीय क्षेत्र को अपने आगोश में ले लिया है। यहीं कारण है कि राज्य के कई स्थानों पर आपदा का प्रभाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों पर स्थित गांवों और मकानों की ग्राम पंचायतों के साथ मिलकर डिजिटल व मैनुअल मैपिंग कराई जाएगी, और इसके बाद पंचायतों को भी सतर्क किया जाएगा। कि उनके इलाके में कितने गांव व मकान खतरे की जद में है ताकि विपरीत परिस्थितियां आने से पूर्व सतर्क किया जा सके।

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