शनिवार, 19 अक्तूबर 2013

कभी सड़क पर चला करो मुख्यमंत्री जी: केन्द्रीय राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह

राजेन्द्र जोशी
देहरादून, 4 अक्टूबर। मुख्यमंत्री जी कभी सड़क से भी यात्रा किया करो, क्या अभी तक आप सड़क से कहीं गए हो, इस सवाल पर मुख्यमंत्री बगलें झांकने लगे। यह सवाल मुख्यमंत्री पर दागा केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने। रक्षा राज्य मंत्री ने सचिवालय के चतुर्थ तल पर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में यह सवाल दागा। इतना ही नहीं इस सवाल के बाद कुछ देर सन्न रहने के बाद मुख्यमंत्री बोले उपर से ही देखा है, किन्तु अब तो कुछ ठीक हो गई है सड़क। इस पर केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने फिर चुटकी लेते हुए कहा कि एक बार सड़क से जाकर देखिए तब कहीं आपको पता चलेगा कि स्थितियां क्या है। उस वक़्त वहां कई मंत्री व विधायक भी मौजूद थे , इस सारे वाक्ये से पहले मुख्यमंत्री सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सड़क निर्माण कार्यों की सुस्त रफ्तार पर बीआरओ को कई बार जितेन्द्र सिंह के सामने कोस चुके थे, लेकिन जब जितेन्द्र सिंह ने उनसे ये सवाल किए तो उन्होंने अचानक यू टर्न ले लिया और वे भी जितेन्द्र सिंह के सुर में सुर मिलाने लगे। वहीं जितेन्द्र सिंह ने प्रैस वार्ता में बीआरओ की जमकर पीठ ही नहीं थपथपाई, बल्कि उन्होंने यह तक कहा कि आपदा के दौरान जिन विकट परिस्थितियों में बीआरओ ने काम किया है देश की कोई और एजेंसी नहीं कर सकती थी। वहीं मुख्यमंत्री को एक और असहज स्थिति का सामना तब करना पड़ा, जब पत्रकार वार्ता में यह सवाल उठा कि जब बीआरओ इतना अच्छा कार्य कर रही है, तो राज्य सरकार आखिर क्यांे उसकी मुखालफत कर रही है, इस पर जितेन्द्र सिंह के साथ बैठे मुख्यमंत्री बगलें झांकने लगे और सकपकाते हुए उन्होंने सफाई दी कि बीआरओ ने काबिले तारीफ काम किया है, इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह दिया कि राज्य सरकार को बीआरओ से कोई शिकायत नहीं है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आपदा के बाद जब राहत कार्यों की समीक्षा बैठकें हुई, इन तमाम बैठकों में एक चर्चित प्रमुख सचिव सहित मुख्यमंत्री बीआरओ के सुस्त रफ्तार और उसकी कार्यप्रणाली पर शिकायत ही करते रहे, इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने तो कई बार बीआरओ के केंद्र के नियंत्रण में होने की बात कहकर अपना पल्ला भी झाड़ा था। मुख्यमंत्री के अचानक बदलें सुरों से पत्रकार वार्ता में मौजूद बीआरओ अधिकारियों की समझ में यह माजरा नहीं आया कि आखिर मुख्यमंत्री के सुर अचानक क्यों बदल गए हैं।

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