शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

अब छात्रों का भी सरकारी स्कूलों से प्राइवेट स्कूलों की तरफ पलायन


गुणवत्तापरक शिक्षा न दे पाने के लिए अध्यापक भी दोषी 

राजेन्द्र जोशी
   देहरादून ।  अभी तक रोजगार की तलाश में युवकों का ही पलायन उत्तराखंड से अन्य राज्यों या विदेशों की तरफ सुनाई देता था लेकिन सरकार  की लचर शिक्षा व्यवस्था के चलते अब सरकारी स्कूलों में पढने वाले छात्र भी प्राइवेट स्कूलों की तरफ पलायन करने लगे हैं यह तो तब है जब राज्य सरकार के राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सरकार द्वारा तमाम सुविधाएं मुहैया करा रही है इसके बावजूद सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या साल दर साल लगातार घटती जा रही है। सरकार द्वारा राजकीय विद्यालयों की ओर छात्रों को आकर्षित करने के लिए तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं लेकिन नतीजे सिफर हैं। हर वर्ष शिक्षा के लिए भारी भरकम बजट की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन छात्र सरकारी विद्यालयों को छोड़कर पब्लिक स्कूलों और निजी विद्यालयों की ओर रूख कर रहे हैं। इसके लिए कहीं न कहीं अध्यापक भी दोषी माने ने जा सकते हैं जो छात्रों वह गुणवत्तापरक शिक्षा नहीं दे पा  रहे हैं जिसकी उनके अभिवावकों को दरकार है. 
       राजकीय विद्यालयों की ओर छात्रों को आकर्षित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन योजना, चाइल्ड फ्रेंडली प्रोग्राम, निःशुल्क शिक्षा, निःशुल्क ड्रेस, छात्रवृत्ति योजना, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कंप्यूटर लर्निंग प्रोग्राम समेत तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं, लेकिन उसके बावजूद इन विद्यालयों में छात्र संख्या में लगातार कमी आ रही है। राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में हर वर्ष छात्र संख्या तेजी से घटती जा रही है। निजी और पब्लिक स्कूलों में महंगी शिक्षा होने के बावजूद अभिभावक अपने बच्चों को इन्हीं विद्यालयों में पढ़ाना पसंद कर रहे हैं।
     वर्ष 2011-12 में राज्य के राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 8,68,392 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत थे, जिनमें कि 4,07,642 छात्र और 4,60,750 छात्राएं शामिल थीं। वर्ष 2012-13 में राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या घटकर 8,28,938 रह गई, जिनमें कि 3,88,453 छात्र और 4,40,485 छात्राएं शामिल थीं। शैक्षिक सत्र 2013-14 में राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या घटकर 7,92,937 रह गई, जिसमें कि 3,72,199 छात्र और 4,20,738 छात्राएं शामिल हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष छात्र संख्या 36,001 घट गई है। प्रदेश में राजकीय प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 12,510 है, जिनमें कि 27,077 शिक्षक नियुक्त हैं। जबकि राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 2,807 है जिनमें कि 9,580 शिक्षक नियुक्त हैं। हर वर्ष शिक्षा के लिए भारी भरकम बजट की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन छात्र संख्या लगातार घट रही है। 
   जिला स्तर पर यदि देखा जाए तो वर्ष 2011-12 में अल्मोड़ा जिले के राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 74,427 विद्यार्थी, 2012-13 में 69,105 विद्यार्थी अध्ययनरत थे, जबकि इस वर्ष 62,748 विद्यार्थी रह गए हैं। बागेश्वर जिले में वर्ष 2011-12 में 33,594 विद्यार्थी, 2013-14 में 28,723 विद्यार्थी पंजीकृत थे जबकि 2013-14 में विद्यार्थियों की संख्या 27,188 रह गई है। चमोली जिले में 2011-12 में 48,060 विद्यार्थी और 2012-13 में 45,637 विद्यार्थी पंजीकृत थे, इस शैक्षिक सत्र में विद्यार्थियों की संख्या घटकर 43,154 रह गई है। चंपावत जिले में वर्ष 2011-12 में 33,174 विद्यार्थी और 2012-13 में 31,692 विद्यार्थी पंजीकृत थे, वर्ष 2013-14 में विद्यार्थियों की संख्या घटकर 30,096 रह गई है। देहरादून जिले में वर्ष 2011-12 में विद्यार्थियों की संख्या 81,802, वर्ष 2012-13 में 79,246 छात्र संख्या थी, इस वर्ष यह संख्या घटकर 75,421 रह गई है। पौड़ी जिले में वर्ष 2011-12 में 70,994 विद्यार्थी, 2012-13 में 66,232 विद्यार्थी पंजीकृत थे, 2013-14 में 62,346 विद्यार्थी रह गए हैं।
     हरिद्वार जिले में वर्ष 2011-12 में 1,18,410 विद्यार्थी, 2012-13 में 1,18,803 विद्यार्थी थे, 2013-14 में यह संख्या घटकर 1,18,379 रह गई है। नैनीताल जिले में 2011-12 में 74,486 विद्यार्थी, 2012-13 में 71,413 विद्यार्थी थे, इस शैक्षिक सत्र में विद्यार्थियों की संख्या 70,051 रह गई है। पिथौरागढ़ जिले में वर्ष 2011-12 में 49,814 विद्यार्थी, 2012-13 में 47,122 विद्यार्थी और 2013-14 में विद्यार्थियों की संख्या घटकर 44,345 रह गई है। रूद्रप्रयाग जिले में वर्ष 2011-12 में 31,209 विद्याथी, 2012-13 में 29,049 विद्यार्थी थे, वर्ष 2013-14 में विद्यार्थियों की संख्या 27,309 रह गई है। टिहरी जिले में वर्ष 2011-12 में 81,787 विद्यार्थी, 2012-13 में 76,152 विद्यार्थी पंजीकृत थे, इस वर्ष 71,251 रह गए हैं। उधमसिंहनगर जिले में वर्ष 2011-12 में 1,33,287, 2012-13 में 1,26,936 पंजीकृत थे, वर्ष 2013-14 में विद्यार्थियों की संख्या घटकर 1,23,931 रह गई है। उत्तरकाशी जिले में वर्ष 2011-12 में 40,348 विद्यार्थी, 2012-13 में 38,828 विद्यार्थी पंजीकृत थे, वर्ष 2013-14 के शैक्षणिक सत्र में राजकीय प्राथमिक और उ़च्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या घटकर 36,718 रह गई है।

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