अब तक के मुखियाओं के सलाहकारों ने ही उनकी लुटिया डूबाने में महत्वपूर्ण भूमिका की अदा
राजेन्द्र जोशी
कांग्रेस व भाजपा की इस प्रदेश में बारी बारी से सरकार रही लेकिन इन दोनों ही पार्टियों ने विकास की बजाय प्रदेश को विनाश की गर्त में धकेला है। यह दोनों ही पार्टियां भले ही एक दूसरे को कोसती हों लेकिन हकीकत यह है कि एक नागनाथ है तो दूसरा सांपनाथ। उम्मीद जगी थी कि हरीश रावत के सत्ता में आने के बाद स्थित में कुछ सुधार आयेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार की उपलब्धियां केवल कागजों तक ही सीमित हैं। सरकार का नौकरशाहों पर कोई नियंत्रण नहीं है। कई मंत्री व विधायक नौकरशाहों की मनमानी को लेकर मुख्यमंत्री के दरबार में अपनी गुहार लगा चुके हैं। उसके बावजूद नौकरशाहों पर कोई अंकुश नहीं लगाया गया है।
किसी भी राज्य के मुखिया की यश कीर्ति व उसके कामों को जनता तक पहुंचाने के लिए ईमानदार व कुशाग्र बुद्वि वाले सलाहकार की आवश्यकता होती है। इस राज्य का दुर्भाग्य है कि यहां ऐसे सलाहकार नियुक्त हैं जो निहायत बेईमान व भ्रष्ट रहे हैं। ऐसे में यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि राज्य का विकास होगा। आज तक जितनी भी सरकार इस प्रदेश में बनी है उनके मुखिया के सलाहकारों ने ही उनकी लुटिया डूबाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। कहते है अकबर के नौ रत्न थे और सभी लाजबाब व अपने कामों में माहिर थे। उन्हीं की वजह से अकबर की कीर्ति पताका फहरी व अकबर दी ग्रेट कहलाये। इस प्रदेश का हाल यह है कि यहां के मुखिया के सलाहकार अपने घर में कोई सलाह नहीं दे सकते तो ऐसे में मुखिया को क्या सलाह देंगे यह प्रदेश की जनता को भलीभांति मालूम है।
हरीश रावत ने भी ऐसे सलाहकार बनाये हुए हैं जो किसी भी कसौटी में खरे नहीं उतरते। वहीं प्रदेश के लोगों को मुखिया से मिलने के लिए नाकों चने चबाने पड़ते हैं। सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों के व्यवहार से मुलाकातियों की जो फजीहत होती है वह सर्वविदित है। रही सही कसर उन भ्रष्ट आईएएस अफसरों ने पूरी कर दी जो कतई इस प्रदेश का विकास नही चाहते हैं लेकिन ऐसे अफसर हर मुखिया के कार्यकाल में अपनी पैठ बनाकर काबिज हो जाता है। शायद सरकार को भी ऐसे दुधारू अफसर की जरूरत रहती है जो उन्हें कमाई का जरिया बता सके। इस स्थित में इस प्रदेश का बंटाधार होना तय हैं। भगवान को ही अब यहां उतरकर जनता का उद्वार करना होगा अन्यथा यह प्रदेश राजनेताओं, अफसरों व माफियाओं का चारागाह बनता जायेगा।
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