शनिवार, 13 अप्रैल 2019

कांग्रेस के दिग्गज अपने क्षेत्र में ही नहीं दिखा पाए जादू

कांग्रेस के दिग्गज अपने क्षेत्र में ही नहीं दिखा पाए जादू
देहरादून, 30 अप्रैल (निस)। कांग्रेस के कई सूरमा नगर निकाय चुनाव में अपने ही घर में बुरी तरह से हारे हैं, उससे यह साफ हो गया है कि उनके क्षेत्र की जनता का अब अपने नेताओं से विश्वास उठ गया है। उत्तराखण्ड में कांग्रेस सरकार एक साल से राज कर रही है लेकिन इस कार्यकाल में कांग्रेस पर लगातार भ्रष्टाचार व विकास विरोधी आरोप लगते आ रहे हैं। अपने आप को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानने वाले कई नेताओं को जिस तरह से निकाय चुनाव में उनके प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा है उससे अब पार्टी के अंदर एक नया संग्राम खड़ा होने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। प्रदेश में हल्द्वानी से विधायक व कैबिनेट मंत्री इंदिरा हृदयेश ने बड़े-बड़े दावे ठोके थे कि उनका उम्मीदवार चुनाव में बाजी मारेगा, लेकिन आज जैसे ही चुनाव परिणाम सामने आया तो भाजपा के जोगेन्दर रौतेला ने अपनी जीत हासिल की, इतना ही नहीं बल्कि कांग्रेस प्रत्याशी यहां दूसरा स्थान भी नहीं प्राप्त कर पाए। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि हल्द्वानी में पहली बार भाजपा का उम्मीदवार चुनाव मैदान में जीता और कांग्रेस का प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा। जिससे यह साबित हो गया कि हल्द्वानी में कैबिनेट मंत्री से आवाम किस कदर एक साल के कार्यकाल से नाराज हो गया है। हल्द्वानी में सभी वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों का जीतना कांग्रेस के लिए एक बड़े खतरे का संकेत है। वहीं हरिद्वार व रुड़की में कांग्रेस प्रत्याशियों को मेयर पद पर चुनाव जिताने के लिए कांग्रेस सांसद हरीश रावत तीन दिन तक हरिद्वार में सड़कों पर प्रत्याशियों को जिताने केे लिए धूल फांकते रहे, लेकिन वे आवाम के बीच अपनी छाप नहीं छोड़ पाए जहां
हरिद्वार में भाजपा प्रत्याशी मनोज गर्ग ने 17147 वोटों से जीत हासिल की वहीं रुड़की में निर्दलीय प्रत्याशी यशपाल राणा ने भाजपा व कांग्रेस को हराकर अपना  दबदबा कायम किया। उधर रूद्रप्रयाग में कांग्रेस प्रत्याशी को जीतवाने के लिए वहां से विधायक व सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने पूरा दम लगाया लेकिन उसके बावजूद भी वह अपने प्रत्याशी को चुनाव नहीं जीता पाए जिससे साफ हो गया कि इस छोटे से क्षेत्र की जनता भी अपने विधायक से खुश नहीं है। वहीं राजधानी में मेयर की सीट को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, उनके तमाम मंत्रियों व यशपाल आर्य की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। चुनाव के दौरान सरकार दावे करती रही कि सूर्यकांत धस्माना भाजपा प्रत्याशी को धूल चटा देंगे। लेकिन भाजपा के विनोद चमोली ने कांग्रेसी उम्मीदवार सूर्यकांत धस्माना रिकार्ड मतों से हराकर सारी सरकार को आईना दिखा दिया कि आज भी करनपुर गोलीकांड के जख्म आंदोलनकारियों के सीने में दफन हैं। भले ही न्यायालय ने धस्माना को बरी क्यों न कर दिया हो।

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